;
| | ---- |
1 | | | *** | | |
2 | | | *** | | |
3 | | | *** | | |
4 | | | *** | | |
5 | | | *** | | |
6 | | | *** | | |
7 | | | *** | على | الزور | والبهتان | منهم | ورابع |
| |
8 | | | *** | | |
9 | | | *** | | |
10 | | | *** | | |
11 | | | *** | | |
12 | | | *** | | |
13 | | | *** | | |
14 | | | *** | | |
15 | | | *** | | |
16 | | | *** | | |
17 | | | *** | | |
18 | | | *** | | |
19 | | وداموا | على | صدق | الإرادة | والرجا |
| *** | | |
20 | | | *** | | |
21 | | | *** | | |
22 | | | *** | | |
23 | | أشارت | بجفن | العين | فافتتن | الورى |
| *** | | |
24 | | | *** | | |
25 | | | *** | | |
26 | | | *** | | |
27 | | | *** | | |
28 | | وما | الماء | إلا | الروح | والموج | انفس |
| *** | | |
29 | | | *** | | |
30 | | | *** | | |
31 | | | *** | | |
32 | | | *** | | |
33 | | | *** | | |
34 | | | *** | | |
35 | | | *** | | |
36 | | | *** | وتنزيهها | في | الكون | بالكون | شائع |
| |
37 | | | *** | | |
38 | | | *** | | |
39 | | | *** | | |
40 | | | *** | | |
41 | | | *** | | |
42 | | | *** | | |
43 | | | *** | | |
44 | | | *** | | |
45 | | | *** | | |
46 | | | *** | | |
47 | | وزارت | على | رغم | الأعادي | فأنكروا |
| *** | | |
48 | | | *** | ببيدائها | والغير | في | السير | ظالع |
| |
49 | | | *** | | |
50 | | | *** | | |
51 | | | *** | | |
52 | | | *** | | |
53 | | | *** | | |
54 | | | *** | | |
55 | | | *** | | |
56 | | وبالماء | ماء | الروح | من | أمرها | لهم |
| *** | | |
57 | | وإن | خالطوا | الأغيار | كانت | جنابة |
| *** | | |
58 | | | *** | | |
59 | | | *** | | |
60 | | | *** | | |
61 | | | *** | | |
62 | | | *** | | |
63 | | | *** | | |
64 | | | *** | | |
65 | | | *** | | |
66 | | | *** | | |
67 | | | *** | | |
68 | | | *** | | |
69 | | | *** | | |
70 | | | *** | إذا | سجدوا | الأخرى | وتبدو | بدائع | وفيهم | سكون | من | قعود | تشهد | له | وانقضى | تحريكهم | والتنازع |
| |
71 | | | *** | | |
72 | | | *** | | |
73 | | | *** | | |
74 | | | *** | | |
75 | | وصاموا | عن | الأغيار | فيه | وأفطروا |
| *** | | |
76 | | | *** | | |
77 | | | *** | | |
78 | | | *** | | |
79 | | | *** | | |
80 | | | *** | | |
81 | | وقد | ودعوا | البيت | العتيق | وأقبلوا |
| *** | | |
82 | | وفي | عيد | نحر | الهجر | فازوا | بذبحهم |
| *** | | |
83 | | | *** | | |
84 | | | *** | | |
85 | | | *** | | |
86 | | | *** | خراج | لأرباب | الجهالة | قاطع | وجزية | كفار | النفوس | تكون | عن | يد | وصغار | حيث | قرر | واضع |
| |
87 | | | *** | | |
88 | | | *** | | |
89 | | | *** | | |
90 | | | *** | | |
91 | | | *** | | |
92 | | | *** | | |
93 | | | *** | | |
94 | | وقد | دخلوا | بالملك | في | قلعة | الأنا |
| *** | | |
95 | | | *** | | |
96 | | | *** | | |
97 | | | *** | | |
98 | | | *** | | |
99 | | | *** | | |
100 | | | *** | | |
101 | | | *** | | |
102 | | | *** | | |
103 | | | *** | | |
104 | | ودعوى | الغنى | تعطي | الخصومة | في | الهوى |
| *** | | |
105 | | | *** | | |
106 | | | *** | | |
107 | | | *** | | |
108 | | | *** | | |
109 | | | *** | | |
110 | | | *** | | |
111 | | | *** | | |
112 | | | *** | | |
113 | | | *** | | |
114 | | | *** | | |
115 | | | *** | | |
116 | | | *** | | |
117 | | | *** | | |
118 | | | *** | | |
119 | | | *** | | |
120 | | وقتلك | معنى | الروح | بالروح | يقتضي |
| *** | | |
121 | | | *** | | |
122 | | | *** | | |
123 | | | *** | | |
124 | | | *** | | |
125 | | | *** | | |
126 | | | *** | | |
127 | | وفي | الصلح | عن | دعوى | المغايرة | اختفوا |
| *** | | |
128 | | | *** | | |
129 | | | *** | | |
130 | | | *** | | |
131 | | | *** | | |
132 | | | *** | | |
133 | | | *** | | |
134 | | | *** | | |
135 | | | *** | | |
136 | | | *** | | |
137 | | | *** | | |
138 | | | *** | | |
139 | | | *** | | |
140 | | وبالعول | إن | زادت | سهام | أولي | الحجى |
| *** | | |
141 | | | *** | | |
142 | | وقام | وصي | الحق | يحفظ | بالهدى | اليتيم |
| *** | | |
143 | | | *** | | |
144 | | | *** | | |
145 | | | *** | | |
146 | | وغابوا | عن | الأكوان | في | الغيب | حيث | لم |
| *** | | |
147 | | | *** | | |
148 | | هم | القوم | لا | يشقى | الجليس | بهم | إذا |
| *** | | |
149 | | | *** | | |
150 | | | *** | | |
151 | | | *** | | |
152 | | | *** | | |
153 | | | *** | | |
154 | | | *** | | |
155 | | | *** | | |
156 | | | *** | | |
157 | | | *** | | |
158 | | | *** | | |
159 | | وكانوا | كما | كانوا | على | الحالة | التي |
| *** | | |
160 | | | *** | | |
161 | | | *** | | |
162 | | | *** | | |
163 | | فمن | يعلم | العلم | القديم | يرى | الذي |
| *** | | |
164 | | | *** | | |
165 | | | *** | | |
166 | | | *** | | |
167 | | | *** | | |
168 | | | *** | | |
169 | | | *** | | |
170 | | | *** | | |
171 | | | *** | | |
172 | | | *** | | |
173 | | | *** | | |
174 | | | *** | | |
175 | | | *** | | |
176 | | | *** | | |
177 | | | *** | | |
178 | | | *** | | |
179 | | | *** | | |
180 | | | *** | | |
181 | | | *** | | |
182 | | | *** | | |
183 | | وزالت | معاني | الغير | في | العين | وانطوت |
| *** | | |
184 | | | *** | | |
185 | | | *** | | |
186 | | | *** | وكيف | وكم | وهو | للكل | جامع | له | الكل | وهو | الكل | وهو | منزه | عن | الكل | فاعرف | واعتبر | يا | منازع |
| |
187 | | من | العدم | امتدت | إلى | العدم | انتهت |
| *** | | |
188 | | | *** | | |
189 | | | *** | | |
190 | | وأعلاهما | النور | الإلهي | شأنه | التكبر |
| *** | | |
191 | | | *** | | |
192 | | | *** | | |
193 | | | *** | | |
194 | | | *** | | |
195 | | | *** | | |
196 | | | *** | | |
197 | | | *** | | |
198 | | | *** | | |
199 | | | *** | | |
200 | | | *** | | |
201 | | | *** | | |
202 | | | *** | | |
203 | | | *** | | |
204 | | | *** | | |
205 | | | *** | | |